dev vyas
Wednesday, 12 February 2014
परिवार से बड़ा कोई धन नहीं... पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं... माँ की छांव से बड़ी कोई दुनिया नहीं... भाई से अच्छा की भागिदार नहीं... बहन से बड़ा कोई शुभ चिंतक नहीं... इसी लिए परिवार के बिना जीना वो जीवन नहीं...
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